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शुक्रवार, 9 मार्च 2018

मौर्य काल भाग 2 Maurya kaal part 2 कुणाल दशरथ मौर्य सम्प्रति शालिसुक शतधन्वन बृहद्रथ मौर्य


अशोक के मृत्यु के पश्चात् उसके किसी भी उत्तराधिकारी के उसके समान योग्य न होने के कारण, शीघ्र ही मौर्य साम्राज्य का पतन हो गया।
अशोक के मृत्यु के बाद उसका पुत्र कुणाल शासक बना।
कुणाल के पश्चात् दशरथ शासक बना।
दशरथ के पश्चात् सम्प्रतिशालिशुक, देववर्मन व शतधन्वन शासक हुए।
उनके पश्चात् बृहद्रथ के सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने उसकी दुर्बलता का लाभ उठाकर 184 ई. पूर्व में उसकी हत्या कर दी तथा राजसिंहासन पर अधिकार कर लिया।
इस प्रकार 184 ई. पूर्व में मौर्य-साम्राज्य का पतन हो गया।

कुणाल 
        सम्राट अशोक के एक पुत्र का नाम था।  फाहियान  ने धर्मविवर्धन नाम के अशोक के एक पुत्र का उल्लेख किया है, जो गंधार का वाइसराय था। बौद्ध ग्रंथों में कुणाल की कहानी मिलती है।
कुणाल अवदानाके अनुसार पाटलिपुत्र के सम्राट अशोक की अनेकों रानियाँ थीं। उनमे से एक पद्मावती (जैन मतावलंबी) थी, जिसके पुत्र का नाम कुणाल था। उसे वीर कुणाल और धर्म विवर्धनाकह कर संबोधित किया गया है।

दशरथ मौर्य-  (232 ई.पू. से 224 ई.पू.) 
यह मौर्य वंश के सम्राट अशोक का पौत्र था। यह लगभग 232 ई.पू. गद्दी पर बैठा। अपने पितामह अशोक के समान ही उसने भी अनेकों गुहाओं का निर्माण करवाया था।
·         दशरथ मौर्य ने बिहार की नागार्जुनी पहाड़ियों की कुछ गुहाएँ आजीविकों को निवास के लिए दान कर दी थीं।
·         इन गुहाओं की दीवारों पर अंकित अभिलेखों से प्रकट होता है कि, दशरथ भी अशोक की भाँति 'देवानाम्प्रिय' की उपाधि से विभूषित था।


सम्प्रति 
मौर्य राजवंश का पाँचवां राजा था। वह कुणाल का पुत्र और सम्राट अशोक का पौत्र था। सम्प्रति का शासन काल ईसा पूर्व 224 से ईसा पूर्व 215 तक रहा। यद्यपि अभिलेखों में सम्प्रति का उल्लेख कहीं पर भी नहीं हुआ है,
सम्प्रति जैन धर्म में विश्वास करता था और वह जैन मतानुयायी हो गया था।
सम्भवत: सम्राट अशोक के पश्चिमी भू-भागों पर ही सम्प्रति ने राज्य किया था।
अपने शासन काल में सम्प्रति को इस प्रदेश में अनेक जैन मंदिरों का निर्माण कराने का श्रेय दिया जाता है।
दशरथ के पश्चात् सम्प्रतिशालिशुकदेववर्मन  शतधन्वन शासक हुए थे।

शालिसुक
 मौर्य राजवंश का छठवाँ राजा था। दशरथ के पश्चात् सम्प्रति, शालिशुकदेववर्मन  शतधन्वन शासक हुए। शालिसुक का शासन 215 ईसा पूर्व- 202 ईसा पूर्व तक था।

शतधन्वन
 मौर्य राजवंश का राजा था। शतधन्वन का शासनकाल ईसा पूर्व 195 से ईसा पूर्व 187 रहा।
दशरथ के पश्चात् सम्प्रतिशालिशुकदेववर्मन व शतधन्वन शासक हुए।

बृहद्रथ मौर्य (187 ई.पू. से 185 ई.पू.) 
मौर्य वंश का अंतिम शासक था। यह अपने प्रधान सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा मारा गया।
पुराणों के अनुसार, बृहद्रथ मौर्य ने लगभग सात साल राज्य किया।
बृहद्रथ मौर्य का राजकाल ईसापूर्व 187-185 तक रहा।

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